कोशिका जीवों की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई है, 1665 में इसकी खोज रॉबर्ट हुक (Robert Hooke) ने की थी |
एक ही कोशिका से बने जीवों, जैसे- जीवाणु, प्रोटोज़ोआ और यीस्ट्स, आदि को एककोशिकीय प्राणी (Unicellular Organisms) और एक से अधिक कोशिका से बने जटिल जीवों को बहुकोशिकीय जीव (Multicellular Organisms) कहा जाता है |
सभी प्रकार की कोशिकाएँ कोशिका झिल्ली तथा जीवद्रव्य से बनी होती हैं। कोशिका झिल्ली कोशिका का बाहरी आवरण बनाती है तथा उसके भीतर के पदार्थ को जीवद्रव्य कहा जाता है। 1932 में जर्मनी के दो वैज्ञानिकों नॉल और रस्का ने इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार किया। इस सूक्ष्मदर्शी की सहायता से वस्तु अपने आकार से एक लाख गुना बड़ी दिखाई पड़ती है।
पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीवों को दो वर्गों में बाँटा गया है :
1. अकोशिकीय जीव अर्थात् ऐसे जीव जिनमें कोई कोशिका नहीं पाई जाती है, जैसे- विषाणु (Virus) जीवाणु, प्रोटोज़ोआ आदि |
2. कोशिकीय जीव अर्थात् ऐसे जीव जिनमें एक या एक से अधिक कोशिकाएं पाई जाती हैं | कोशिकीय प्राणियों को पुनः प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक नामक दो भागों में बाँटा जाता है|
A. प्रोकैरियोटिक जीव
B. यूकैरियोटिक जीव
कोशिका के प्रकार
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा हमें कोशिकाओं के अनेक घटक दिखाई देते हैं, जो इस प्रकार हैं :
(a) कोशिका कला
(b) कोशिकाद्रव्य
(c) कोशिकांग
(d) केन्द्रक
कोशिका की संरचना
सभी कोशिकाओं में तीन कार्यात्मक क्षेत्र (Functional Region) होते है जो इस प्रकार है:
1. कोशिका या प्लाज्मा झिल्ली (Cell or Plasma Membrane) और कोशिका भित्ति (Cell Wall)
2. केन्द्रक/न्यूक्लियस (Nucleus)
3. केन्द्रक द्रव्य/साइटोप्लाज्म (Cytoplasm)
कोशिका की बाहरी सतह प्लाज्मा झिल्ली होती है, जिसके अन्दर केन्द्रक द्रव्य/साइटोप्लाज्म पाया जाता है |
माइटोकांड्रिया (Mitochondria), क्लोरोप्लास्ट (Chloroplasts) आदि विभिन्न कोशिकांग साइटोप्लाज्म में ही तैरते हुए पाए जाते हैं |
प्लाज्मा झिल्ली के मुख्य कार्य
प्लाज्मा झिल्ली कुछ पदार्थों के कोशिका के अन्दर और बाहर जाने पर नियंत्रण रखती है | अतः प्लाज्मा झिल्ली को चयनात्मक पारगम्य झिल्ली (Selective Permeable Membrane) भी कहते हैं |
(i) प्रसरण (Diffusion) : अधिक सघन (Condense) पदार्थ से कम सघन पदार्थ की ओर प्रवाह प्रसरण कहलाता है| यह प्रवाह तब तक होता रहता है जब तक दोनों पदार्थों की सघनता समान न हो जाये| प्रसरण की दर गैसीय पदार्थों में द्रव व तरल पदार्थों की तुलना में अधिक होती है |
(j) परासरण (Osmosis) : आंशिक रूप से पारगम्य (Permeable) झिल्ली के सहारे उच्च जलीय सांद्रता (Concentration) वाले भाग से निम्न जलीय सांद्रता वाले भाग की ओर जल का प्रवाह परासरण कहलाता है |
(k) एंडोसाइटोसिस (Endocytosis) : प्लाज्मा झिल्ली के सहारे कोशिका द्वारा पदार्थों का अंतर्ग्रहण (Ingestion) एंडोसाइटोसिस कहलाता है | (l) एक्सोसाइटोसिस (Exocytosis) : इस प्रक्रिया में पुटिका (Vesicle) झिल्ली प्लाज्मा झिल्ली से टकराकर अपने पदार्थों को आस-पास के माध्यम में निकाल देती है | इसे ‘कोशिका वमन (Cell Vomiting)’ कहते हैं |
अंग और कोशिकांग में अंतर (Difference between Organs and Cell Organelles)
अंग (Organs) | कोशिकांग (Cell Organelles) |
अंग बहुकोशिकीय जीवों में पाए जाते हैं| | कोशिकांग सभी यूकैरियोटिक जीवों में पाए जाते हैं| |
इनका आकार बड़ा होता है | | इनका आकार छोटा होता है | |
ये किसी भी जीव के शरीर के ऊपर या नीचे पाए जा सकते हैं | | ये प्रायः आतंरिक (Internal) होते हैं | |
अंगों का निर्माण ऊतकों (Tissues) से होता है और ऊतकों का निर्माण कोशिकाओं से होता है | कोशिका के अन्दर ही कोशिकांग पाए जाते हैं | | इनका निर्माण सूक्ष्म और वृहद् अणुओं (Molecules) से होता है | |
अंग आपस में मिलकर अंग-प्रणाली का निर्माण करते हैं और अंग प्रणाली किसी जीव के शरीर का निर्माण करती है | | कोशिकांग आपस में मिलकर कोशिका का निर्माण करते हैं | |