इस आर्टिकल में हम बात करेगें माइक्रोबॉडीज के बारे में | माइक्रोबॉडीज क्या होते है ? माइक्रोबॉडीज का हमारे शरीर में क्या कार्य होता है ? माइक्रोबॉडीज के प्रकार और सरंचना क्या होती है आदि |
माइक्रोबॉडीज (Microbodies) क्या है ?
ये इकाई झिल्ली युक्त छोटे कोशिकांग हैं, जो ऑक्सीकरण क्रियाओं (श्वसन के अतिरक्त अन्य) में भाग लेते हैं। इनमें क्रिस्टलीय कोर तथा कणीय मैट्रिक्स होता है। यह परॉक्सीसोम तथा ग्लाइऑक्सीसोम प्रकार का होता है। ग्लाइऑक्सीसोम्स, ग्लाइऑक्सीलेट चक्र द्वारा वसा के ऑक्सीकरण में भाग लेता है, जबकि परॉक्सीसोम प्रकाश श्वसन में भाग लेता है इसमें उपस्थित कैटेलेज एन्जाइम हाइड्रोजन परॉक्साइड के विघटन का कार्य करता है। ये पौधों, प्रोटोजोआ, और जानवरों की कोशिकाओं में पाया जाता है।
माइक्रोबॉडीज एक परत वाली झिल्ली से घिरी थैलियां होती है । यह कोशिका के कोशिका द्रव्य (cytoplasm) में पाए जाते हैं, और केवल इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप के उपयोग से ही दिखाई देते हैं। इनका निर्माण एंडोप्लास्मिक जालिका वGalgi bodies से थैलियों(Vesicles) के टूटने से होता है। यह छोटे अंगक (Small Organelles) लगभग 0.2-1.5 माइक्रोमीटर व्यास के होते हैं । ये एक एकल फॉस्फोलिपिड बाइलेयर झिल्ली से घिरे होते है और उनमें एंजाइम और अन्य प्रोटीन सहित इंट्रासेल्युलर सामग्री का एक मैट्रिक्स होता है, लेकिन उनमें कोई आनुवंशिक सामग्री नहीं होती है जो उन्हें स्वयं-प्रतिकृति की अनुमति देती है।

माइक्रोबॉडीज कितने प्रकार के होते है ? (Type of Microbodies)
माइक्रोबॉडीज के दो प्रकार होते हैं –
- परऑक्सीसोम (Peroxisome)
- ग्लाइऑक्सीसोम (Glyoxysomes)
परऑक्सीसोम (Peroxisome)
ये (0.3-1.5μm) व्यास के लगभग सूक्ष्म गोलाकार कोशिकांग है जो एक परत वाली झिल्ली (Single Layered Membrane) से घिरे होते हैं । इनकी खोज Tolbert ने 1969 में की थी।
परऑक्सीसोम का निर्माण golgi bodies से न होकर पूर्व स्थित pre existing Peroxisome से होता है।
यह उन पौधों में पाये जाते हैं जिनमे प्रकाश श्वसन की क्रिया होती है । प्रकाश श्वसन की क्रिया कुछ ही पौधों मे होती है क्योंकि कुछ पौधे सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाई आक्साइड निकालते है।
जंतु कोशिका में यह Liver एवं किडनी में तथा प्रोटोजोआ में पाए जाते हैं । इसमें भी लाइसोसोम के समान एंजाइम्स पाए जाते हैं जिसमें ऑक्सीडेस तथा कैटालेस मुख्य है ।
उपापचय क्रियाओं में ऑक्सीडेस एंजाइम आणविक ऑक्सीजन लेकर हाइड्रोजन पराक्साइड का निर्माण करते हैं।
कैटालेस एंजाइम उपापचय (Metabolism) के फलस्वरुप कोशिका में उत्पन्न होने वाले विषैले पदार्थ हाइड्रोजन पराक्साइड का विघटन कर देते हैं।
कैटालेस enzyme कोशिका द्रव्य में आने वाले अन्य विषैले पदार्थों को जैसे अल्कोहलिक पेय पदार्थों और अनेक ड्रग्स का भी विघटन कर देते हैं। इसके साथ ही जंतु कोशिकाओं में वसा उपापचय का भी कार्य Peroxisomes ही करते हैं।
इनमें सूक्ष्म कणिकाओं वाली मैट्रिक्स (Metrix of Fine Granules) होती है जिनके केंद्र में एक समांग (Homogeneous) तथा अपारदर्शी कोर होती है। इनमें ग्लाइकोलिक अम्ल ऑक्सीडेस, Peroxidase,कैटालेस आदि अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
प्रकाश श्वसन की क्रिया हरित लवक Peroxisome तथा माइटोकॉन्ड्रिया तीनों में मिलकर होती है। यह अनुक्रम प्रकाश पर निर्भर करता है और इसमें ऑक्सीजन ली जाती है। यह क्रिया प्रकाश की तीव्रता, कार्बन डाइऑक्साइड की कम सांद्रता तथा ऑक्सीजन की अधिक संस्था द्वारा Stimulate होती है। ऐसी स्थिति में हरित लवक में उत्पन्न ग्लाइकोलिक अम्ल के आधिक्य (Excess) में अणु बाहर निकलकर Peroxisome में प्रवेश करते हैं जहां उनका ऑक्सीकरण होता है।

ग्लाइऑक्सीसोम (Glyoxysomes)
ग्लाइऑक्सीसोम की खोज Beevers ने 1961 में की थी। यह भी एक सूक्ष्म गोलाकार कोशिकांग हैं जो एक परत वाली झिल्ली के बने होते हैं। यह प्रायः वसीय बीजों, जैसे मूंगफली तथा अरंङ की कोशिकाओं में जहां पर वसा का कार्बोहाइड्रेट में परिवर्तन होता है, पाए जाते हैं। इनमें आइसोसिट्रिक लायेस, मेलेट सिंथेटेस आदि एंजाइम्स पाए जाते हैं। वसा का कार्बोहाइड्रेट में परिवर्तन ग्लाइऑक्सीसोम में पाए जाने वाले ग्लाइऑक्सिलेट चक्र द्वारा होता है।
माइक्रोबॉडीज के कार्य (Function of Microbodies)
विभिन्न प्रकार के माइक्रोबॉडीज विभिन्न विशिष्ट कार्य करते हैं:
- कोशिका में माइक्रोबॉडीज विभिन्न जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं
- माइक्रोबॉडीज में मौजूद एंजाइम विभिन्न आवश्यक प्रतिक्रियाओं की सुविधा प्रदान करते हैं, उदा। वसा, अमीनो एसिड,अल्कोहोल (alcohol ), आदि का टूटना।
- वे पौधों में प्रकाश-श्वसन में शामिल होते हैं
- पेरोक्साइड का डेटोफिक्सेशन (Detoxification) माइक्रोबॉडीज में होता है