What is Plastics ?
प्लास्टिक सिंथेटिक (synthetic) या अर्ध-सिंथेटिक (semi-synthetic) सामग्रियों की एक विस्तृत श्रृंखला है जो मुख्य घटक के रूप में पॉलिमर का उपयोग करते हैं। उनकी प्लास्टिसिटी (plasticity) (प्लास्टिक का गुण) प्लास्टिक को, विभिन्न आकृतियों की ठोस अवस्था में ढालना, उन्हें बाहर निकालना या उन्हें दबाना, संभव बनता है। प्लास्टिक का हल्का, टिकाऊ, लचीला और उत्पादन के लिए सस्ती होने के कारण इसका व्यापक उपयोग होता है।
प्लास्टिक आमतौर पर औद्योगिक प्रणालियों के माध्यम से बनाए जाते हैं। अधिकांश आधुनिक प्लास्टिक प्राकृतिक गैस या पेट्रोलियम जैसे जीवाश्म ईंधन आधारित रसायनों से प्राप्त होते हैं; हालांकि, हाल के औद्योगिक तरीकों में अक्षय सामग्रियों (renewable materials ) से बने वेरिएंट का उपयोग किया जाता है l
प्राकृतिक प्लास्टिक (Natural Plastics)
प्राकृतिक प्लास्टिक वह प्लास्टिक है जो गर्म किये जाने पर मुलायम तथा ठंडा किये जाने पर कठोर हो जाता है। लाह (लाख) इसका एक अच्छा उदाहरण है।
कृत्रिम प्लास्टिक (Artificial Plastics)
रासायनिक विधि से तैयार किये गये प्लास्टिक को कृत्रिम प्लास्टिक कहा जाता है।
कृत्रिम प्लास्टिक दो प्रकार के होते हैं
थर्मो प्लास्टिक (Thermo Plastics)
यह गर्म करने पर मुलायम और ठंडा करने पर कठोर हो जाता है। यह गुण इसमें सदैव वर्तमान रहता है, चाहे इसे कितनी बार क्यों न गर्म व ठंडा किया जाये। जिन कार्बनिक यौगिक के अंत में एक द्विबन्ध रहता है, उनके योगशील बहुलीकरण (Addition polymerisation) से थर्मोप्लास्टिक बनता है।
उदाहरण—पॉलीइथिलीन, पॉली विनाइल क्लोराइड (PVC), पॉलीस्टइरीन, नायलॉन, टेफ्लॉन, इत्यादि।
थर्मोसेटिंग प्लास्टिक (Thermosetting Plastic)
यह वह प्लास्टिक है जो पहली बार गर्म करते समय मुलायम हो जाता है और उसे इच्छित आकार में ढाल किया जाता हैं, इसे पुनः गर्म करके मुलायम नहीं बनाया जा सकता है। इस प्रकार की अनुत्क्रमणीय बहुलकों को ‘ताप दृढ़’ बहुलक कहते हैं।
उदाहरण—ग्लिप्टल, वीटल, बेकेलाइट, इत्यादि।