कोशिका में कोष्ठीकरण का आशय उस संगठन से है, जिसमें यूकैरियोटिक कोशिका के अन्तर्गत विभिन्न कोशिकांग अर्थात् माइटोकॉण्ड्रिया, लाइसोसोम आदि अंग प्लाज्मा झिल्ली द्वारा घिरे होते हैं, इसी को कोशिका का कोष्ठीकरण कहते हैं।
कोशिकीय जीवन के लिए कोष्ठीकरण की आवश्यकता
कोशिकीय जीवन के लिए कोष्ठीकरण बहुत आवश्यक है। प्लाज्मा, झिल्लीयुक्त कोशिका कोष्ठक के रूप में होती है। पादप कोशिका में प्लाज्मा झिल्ली के चारों ओर सैल्यूलोज भित्ती होती है। यूकैरिआटिक कोशिका में बहुत से झिल्लीयुक्त अंगक अर्थात् कोष्ठक होते हैं। प्रत्येक अंगक की रचना तथा कार्य विशिष्ट होते हैं। प्रोकैरिआटिक कोशिकाओं में अन्त:कोष्ठक नहीं होते हैं।