इस आर्टिकल में हम जानेगे कि पुष्पक्रम किसे कहते हैं अथवा Inflorescence meaning in Hindi ? क्या है, साथ ही हम जानेगे कि पुष्पक्रम (Inflorescence) कितने प्रकार के होते है, Inflorescence के उदाहरण क्या क्या है, एकल पुष्प क्या होता है, असीमाक्षी पुष्पक्रम (Racemose Inflorescence), ससीमाक्षी पुष्पक्रम (Cymose Inflorescence) और मिश्रित पुष्पक्रम (Mixed Inflorescence) क्या है, इनकी विशेषताएं और उदाहरण क्या क्या है आदि |
पुष्पक्रम क्या है? What Is Inflorescence In Hindi | पुष्पक्रम की परिभाषा
प्रत्येक जाति के पुष्पीय पौधे पर पुष्प कुछ निश्चित क्रम में व्यवस्थित होते है। पौधे की शाखा के शीर्ष पर पुष्प के उत्पन्न होने और व्यवस्थित होने की विधि (ढंग) को “पुष्पक्रम” कहते है। पुष्पक्रम का अक्ष पुष्पाक्ष कहलाता है | दुसरे शब्दों में पुष्प अक्ष (Floral Axis) या पुष्पाक्ष पर पुष्पों के लगने की व्यवस्था को पुष्पक्रम (Inflorescence) कहते हैं।
जिस शाखा पर पुष्प लगते है, उस शाखा को पुष्पावली वृन्त (Peduncle) कहते हैं। तथा एक पुष्प जिस वृन्त के द्वारा शाखा से जुड़ा रहता है, उसे पुष्प वृन्त (Pedicel) कहते हैं। पुष्पक्रम का प्रत्येक फूल पुष्पक कहलाता है।
जब पुष्पावली वृन्त (Peduncle) चपटा या गोल होता है, तो उसे पात्र (receptacle) कहते हैं।
कभी-कभी पुष्पावली वृन्त (Peduncle) मूलज पत्तियों (radical leaves) के बीच से निकलता है, तब इसे पुष्पदंड (Scape) कहते हैं।
एकल पुष्प क्या होता है ?
पुष्प का निर्माण पादप के शीर्षस्थ (terminal) अथवा कक्षस्थ कलिका (axillary bud) से होता है।
जब पुष्प शाखा पर एक ही होता है, तो उसे एकल पुष्प कहते हैं। परंतु जब शाखा पर अनेक पुष्प होते हैं, तो ऐसे पुष्पों का समूह पुष्पक्रम कहलाता हैं। (i) एकल शीर्षस्थ : अकेला शीर्षस्थ पुष्प मुख्य तने या उसकी शाखाओं के शीर्ष पर विकसित होता है , उदाहरण पॉपी। (ii) एकल कक्षस्थ : ये पुष्प पत्ती (उदाहरण : पिटुनिया) के कक्ष में या पुष्पावलि वृन्त के शीर्ष (उदाहरण : चाइना रोज = शू पुष्प = हिबिस्कस रोजा – सिनेनसिस) पर अकेले पाए जाते है।
पुष्पक्रम (Inflorescence) के प्रकार (Different Types Of Inflorescence in Hindi)
पुष्पक्रम मुख्यत: तीन प्रकार के होते है :
(1) असीमाक्षी पुष्पक्रम (Racemose Inflorescence)
(2) ससीमाक्षी पुष्पक्रम (Cymose Inflorescence)
(3) मिश्रित पुष्पक्रम (Mixed Inflorescence)
असीमाक्षी पुष्पक्रम (Racemose Inflorescence) क्या है ?
असीमाक्षी या अनिश्चित वृद्धि का पुष्पक्रम पाशर्व या कक्षस्थ पुष्प रखता है जो अग्राभिसारी क्रम (आधार की ओर पुराने और शीर्ष पर नए) में उत्पन्न होते है। इस प्रकार के पुष्पक्रम में पुष्प अक्ष (Floral Axis) की वृद्धि रुकती नही है और अनिश्चित वृद्धि करता है। इसमें नीचे के फूल बड़े जबकि ऊपर की तरफ छोटे होते जाते है। इसमे नये फूल ऊपर या बीच में जबकि पुराने फूल सबसे नीचे होते है। उदाहरण – मूली , सरसों , घास , केला , सहतूत, सरसों, सोयाबीन इत्यादि।
असीमाक्षी पुष्पक्रम (Racemose Inflorescence in hindi) के मुख्य प्रकार
- रेसीम (Raceme) – सरसों के पौधे में यह पुष्पक्रम पाया जाता है। इसमें मुख्य लम्बे अक्ष से pedicle जुड़े होते है और इससे फूल लगे होते है। उदाहरण :गुलमोहर, गेहूं इत्यादि।
- स्पाइक (Spike) – यह एक अनिश्चित और अशाखित पुष्पक्रम है जो Sessile (बिना डंठल के) फूलों में मिलता है।
- ओक (Catkin) – ओक में यही पुष्पक्रम पाया जाता है। इसमें लम्बे अक्ष पर उभयलिंगी फूल लगे होते है।
- Umbel – इसे shortened Racemose भी कहते है। यह गाजर वंश के पौधो में पुष्पक्रम पाया जाता है।
- Spikelet – इसमें पुष्पक्रम शाखित केंद्रीय अक्ष पर होता है।
- Head – इसे flattened Racemose कहा जाता है। इसमें मुख्य अक्ष मोठा और चौड़ा हो जाता है जिसे receptacle कहते है। फूलों में pedicles नही होते है।
ससीमाक्षी पुष्पक्रम क्या है? (Cymose Inflorescence in Hindi)
इस प्रकार के पुष्पक्रम में पुष्प अक्ष की वृद्धि सीमित होती है। इस प्रकार के पुष्प क्रम में मुख्य अक्ष सिमित वृद्धि वाला होता है और शीर्ष पर एक पुष्प बन जाने के कारण शीर्ष की वृद्धि रुक जाती है। शीर्षस्त पुष्प के नीचे शाखाएँ निकलती है व उनके शीर्ष पर भी पुष्प बन जाता है। ससीमाक्षी में पुष्पक्रम तलाभिसारी होता है। उदाहरण – गुडहल , मकोय , पॉपी , चमेली ,आक आदि।
ससीमाक्षी पुष्पक्रम के मुख्य प्रकार
- Uniparous Cyme – इसे monochasial पुष्पक्रम भी कहते है। मुख्य अक्ष फूल में समाप्त होता है और इसके आधार से एक दूसरी पार्श्व शाखा निकलती है। फूल basipetal व्यवस्था में शीर्ष में मौजूद होते है। उदाहरण : ड्रोसेरा (Drosera).
- Dichasial Cyme – इसे द्विशाखी पुष्पक्रम भी कहते है। इसके peduncle के शीर्ष पर फूल लगता है जबकि आधार पर दो पार्श्व शाखाएं निकलती है। उदाहरण : चमेली
- Multiparous Cyme – इसे बहुशाखी पुष्पक्रम कहते है।
- Cymose Capitulum (कैपिटुलम) – इसमें पुष्पावली वृन्त (Peduncle) कम वृद्धि करता है और टॉप पर बड़ा फूल लगता है। जबकि इसके पार्श्व में छोटे फूल होते है।
ससीमाक्षी पुष्पक्रम के कुछ उदाहरण
- शूकी बॉस एवं लटजीरा
- अनुशूकी गेहूँ
- मन्जरी बीटुला एवं मोरस
- स्थूल मन्जरी कोलोकेशिया
- समशिख केसिया
- छतक हाइड्रोकोटाइल
- मुण्डक सूरजमुखी, जीनिया (पुष्पाक्ष छोटा एवं चपटा होता है जिसे पात्र (receptacle) कहते हैं। मुण्डक में बाहर की ओर रश्मि पुष्पक एवं केन्द्र की ओर बिम्ब पुष्पक होते हैं।
मिश्रित या यौगिक पुष्पक्रम (Compound Inflorescence) क्या है ?
जिस पौधे के पुष्प अक्ष पर ससीमाक्षी और असीमाक्षी दोनों प्रकार के पुष्पक्रम पाये जाते है, उसे मिश्रीत पुष्पक्रम (Compound Inflorescence) कहते है।
मिश्रित पुष्पक्रम के प्रकार
- थिरसस : साइमोस समूह अग्रभिसारी रूप से विन्यस्त होते है। उदाहरण : विटिस विनिफेरा (ग्रेप वाइन)
- मिश्रित स्पेडिक्स : स्पेडिक्स मांसल अक्ष पर अग्राभिसारी रूप से विन्यस्त साइमोस पुष्पक्रम रखता है।
- पेनिकिल ऑफ़ स्पाइकलेट्स : स्पाइकलेंट संयुक्त रेसीम में विन्यस्त होते है। उदाहरण : जई , चावल।
- कॉरिम्ब ऑफ़ कैपिटुला : उदाहरण : एगीरेटम
- अन्य प्रकार जैसे अम्बेल ऑफ़ कैपिटूला , साइम ऑफ़ कैपिटुला (उदाहरण : वनिर्जिया ) , साइम ऑफ़ अम्बेल (उदाहरण : लेटाना) , साइम ऑफ़ क्रोरिम्ब आदि।
विशिष्ट पुष्पक्रम
विशिष्ट पुष्पक्रम निम्न प्रकार के होते है :
कटोरिया (Cyathium) सहपत्रों के आपस में जुड़ने से कटोरे की आकृति का सहपत्र चक्र (involucre) बनता है इसकी बाहरी सतह पर मकरन्द ग्रन्थियाँ, बीच में केवल जायाँग द्वारा प्रदर्शित मादा पुष्प तथा उसके चारों ओर एक तन्तुकीय पुंकेसर द्वारा प्रदर्शित नर पुष्प होते हैं; जैसे – यूफोरबिएसी कुल के सदस्य।
कूट चक्रक (Verticillaster) – यह द्विशाखी ससीमाक्ष का परिवर्तित रूप है। तने की प्रत्येक पर्वसन्धि पर निकली विपरीत पत्तियों के कक्ष में अवृन्त पुष्प निकलते हैं जिसके नीचे से दोनों ओर दो पुष्प निकलते हैं; जैसे – तुलसी, साल्विया
हाइपेन्थोडियम (Hypanthodium) पुष्पाक्ष अथवा आशय एक छिद्रयुक्त गूदेदार तथा खोखली गुहा की भाँति हो जाता है और छिद्र शल्कों से ढका रहता है।
पुष्पक्रम (Inflorescence) से सम्बन्धित महत्वपुर्ण प्रश्न :
प्रश्न : असीमाक्षी पुष्पक्रम और ससीमाक्षी पुष्पक्रम में क्या अंतर है ? Difference between Racemose and Cymose Inflorescence?
उत्तर: असीमाक्षी पुष्पक्रम (Racemose) में ससीमाक्षी पुष्पक्रम (cymose) की तुलना में मुख्य अक्ष में अत्यधिक वृद्धि होती है।
असीमाक्षी पुष्पक्रम (Racemose – रेसमोस) में, मुख्य अक्ष अनिश्चित काल तक बढ़ता रहता है और फूल बाद में पैदा होते हैं। ससीमाक्षी पुष्पक्रम (cymose – सायमोज) में, फूल पुष्प अक्ष पर अंतिम रूप से पैदा होते हैं और मुख्य अक्ष के विकास को निर्धारित करते हैं।
असीमाक्षी पुष्पक्रम (Racemose) में फूल अग्राभिसारी (acropetal) (नीचे से ऊपर की तरफ बढ़ना) क्रम में व्यवस्थित होते है। जबकि ससीमाक्षी पुष्पक्रम (cymose) में पुष्प तलाभिसारी (basipetal) क्रम में होते है।
असीमाक्षी पुष्पक्रम (Racemose) में सबसे पुराना फूल पुष्पक्रम अक्ष के आधार पर होता है जबकि ससीमाक्षी पुष्पक्रम (cymose) में पुष्पक्रम अक्ष के सबसे ऊपर होता है।
फूलों के Flowering (खिलना या उगना) का समय भी पुष्पक्रम को निर्धारित करता है।
प्रश्न : असीमाक्षी पुष्पक्रम (Racemose Inflorescence) कोनसे फूलों में पाया जाता है ? Racemose Inflorescence is present in which flower?
उत्तर : मूली , सरसों , घास , केला , सहतूत, सरसों, सोयाबीन
प्रश्न : ससीमाक्षी पुष्पक्रम कोनसे फूलों में पाया जाता है ? Cymose Inflorescence is present in which flower?
उत्तर : गुड़हल, चमेली
प्रश्न : पुष्पक्रम से क्या आशय है? ये कितने प्रकार के होते है? What is inflorescence? How many types of inflorescence?
उत्तर : प्रत्येक जाति के पुष्पीय पौधे पर पुष्प कुछ निश्चित क्रम में व्यवस्थित होते है। पौधे की शाखा के शीर्ष पर पुष्प के उत्पन्न होने और व्यवस्थित होने की विधि (ढंग) को “पुष्पक्रम” कहते है। पुष्पक्रम का अक्ष पुष्पाक्ष कहलाता है | दुसरे शब्दों में पुष्प अक्ष (Floral Axis) या पुष्पाक्ष पर पुष्पों के लगने की व्यवस्था को पुष्पक्रम (Inflorescence) कहते हैं। पुष्पक्रम मुख्यत: तीन प्रकार के होते है :
(1) असीमाक्षी पुष्पक्रम (Racemose Inflorescence)
(2) ससीमाक्षी पुष्पक्रम (Cymose Inflorescence)
(3) मिश्रित पुष्पक्रम (Mixed Inflorescence)
प्रश्न : कटोरिया पुष्पक्रम पर टिप्पणी
उत्तर : कटोरिया (Cyathium) सहपत्रों के आपस में जुड़ने से कटोरे की आकृति का सहपत्र चक्र (involucre) बनता है इसकी बाहरी सतह पर मकरन्द ग्रन्थियाँ, बीच में केवल जायाँग द्वारा प्रदर्शित मादा पुष्प तथा उसके चारों ओर एक तन्तुकीय पुंकेसर द्वारा प्रदर्शित नर पुष्प होते हैं; जैसे – यूफोरबिएसी कुल के सदस्य।
प्रश्न : हाइपेन्थोडियम पुष्पक्रम क्या है ?
उत्तर : हाइपेन्थोडियम (Hypanthodium) पुष्पाक्ष अथवा आशय एक छिद्रयुक्त गूदेदार तथा खोखली गुहा की भाँति हो जाता है और छिद्र शल्कों से ढका रहता है।
प्रश्न : कूटचक्रक और सायथियम पुष्पक्रम में अन्तर लिखिए।
उत्तर : कूट चक्रक (Verticillaster) – यह द्विशाखी ससीमाक्ष का परिवर्तित रूप है। तने की प्रत्येक पर्वसन्धि पर निकली विपरीत पत्तियों के कक्ष में अवृन्त पुष्प निकलते हैं जिसके नीचे से दोनों ओर दो पुष्प निकलते हैं; जैसे – तुलसी, साल्विया
सायथियम (Cyathium – कटोरिया) सहपत्रों के आपस में जुड़ने से कटोरे की आकृति का सहपत्र चक्र (involucre) बनता है इसकी बाहरी सतह पर मकरन्द ग्रन्थियाँ, बीच में केवल जायाँग द्वारा प्रदर्शित मादा पुष्प तथा उसके चारों ओर एक तन्तुकीय पुंकेसर द्वारा प्रदर्शित नर पुष्प होते हैं; जैसे – यूफोरबिएसी कुल के सदस्य।